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Saturday, May 14, 2011

तेल के दाम में सरकारे खा रही मलाई

तेल के दाम में सरकारे खा रही मलाई
पेट्रोल की मूल कीमत से अधिक तो इन पर शुल्क व अधिभार लग जाता हैं. तेल कंपनियों को दिल्ली में तेल की मूल कीमत 29 रूपये पड़ती हैं. लेकिन केंद्र व राज्य सरकारे शुल्क के नाम पर 32 रूपये से अधिक वसूल लेती हैं. इसी कारन हम तक पेट्रोल पहुँचते-पहुँचते कीमत इतनी अधिक हो जाती हैं. 1 लीटर पेट्रोल पर 14.35 रु उत्पादक शुल्क, 1.1 सीमा शुल्क, 1.54 विशेष सीमा शुल्क, 43 पैसे सिक्षा उपकार, 5.5 रु वैट कर वशुला जाता हैं. जिससे तेल की कीमत 58.00 रूपये हो जाती हैं. समाचार के मुताबिक कम्पनियों ने तेल की कीमत न बढने पर 180 करोड़  घाटा होना बताया हैं. लेकिन ये टैक्स जो हम लोग देते हैं उसे तो सरकार घोटाले करके डकार जाती है. जिसका कोई हिसाब नहीं हैं. सरकार को ये पैसा घोटालेबाजो से वसूल करके पूरा करना चाहिए. हमें क्यों मर रहे हो.......

देवता होता तो निकल पाता आदमी हूँ, भँवर में रहता हूँ

देवता होता तो निकल पाता
आदमी हूँ, भँवर में रहता हूँ

इंसान की जिन्दगी मोह के भंवर में फंसी हैं
सच्चाई का दामन थाम इसे पर कर जाओ
नजरे तो धोखा हैं मिथ्या दिखती हैं 
दिमाग उलझन हैं सोच इसका सफ़र 
दिल की आवाज सुनो ये ईश्वर की नेमत हैं
अपने आप को पहचानो तुम इंसान हो
चलो अपनी राह पर जब तक रौशनी न मिल जाये
निशा अपने कदमो के छोड़ जाओ धरती पर .
उठो पार्थ, गांडीव संभालो,दूर करो अपनी दुविधा
युद्ध धरम हैं, युद्ध कर्म हैं, मात्र शेष यदि युद्ध विधा.
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