तेल के दाम में सरकारे खा रही मलाई
पेट्रोल की मूल कीमत से अधिक तो इन पर शुल्क व अधिभार लग जाता हैं. तेल कंपनियों को दिल्ली में तेल की मूल कीमत 29 रूपये पड़ती हैं. लेकिन केंद्र व राज्य सरकारे शुल्क के नाम पर 32 रूपये से अधिक वसूल लेती हैं. इसी कारन हम तक पेट्रोल पहुँचते-पहुँचते कीमत इतनी अधिक हो जाती हैं. 1 लीटर पेट्रोल पर 14.35 रु उत्पादक शुल्क, 1.1 सीमा शुल्क, 1.54 विशेष सीमा शुल्क, 43 पैसे सिक्षा उपकार, 5.5 रु वैट कर वशुला जाता हैं. जिससे तेल की कीमत 58.00 रूपये हो जाती हैं. समाचार के मुताबिक कम्पनियों ने तेल की कीमत न बढने पर 180 करोड़ घाटा होना बताया हैं. लेकिन ये टैक्स जो हम लोग देते हैं उसे तो सरकार घोटाले करके डकार जाती है. जिसका कोई हिसाब नहीं हैं. सरकार को ये पैसा घोटालेबाजो से वसूल करके पूरा करना चाहिए. हमें क्यों मर रहे हो.......