मौजूदा हालात - वर्तमान स्थिति 4 जनवरी 2019
नरेश लाम्बा
गांव शाहाबाद मोहम्मद पुर
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संभावित उम्मीदवार
बीजेपी
बीजेपी
सतप्रकाश राणा
भूपेंदर गुप्ता
भूपेंदर गुप्ता
कांग्रेस
विजय लोचव
प्रवीण राणा
आम आदमी पार्टी
कोई नहीं
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दावेदारी पर लोगो के विचार
देखा जाये तो पूर्व विधायक सतप्रकाश राणा को ग्रामीण लोग ज्यादा मजबूत दावेदार मान रहे है लेकिन इसके साथ साथ राणा साहब की दावेदारी पर उनके विधायक के कार्यकाल और लोगो के साथ पिछले ५ साल कटे रहने और कार्यशैली, व्यवहार के प्रति भी नाराजगी है। गांव में बीजेपी या राणा साहब का कोई सर्वमान्य कार्यकर्ता या प्रतिनिधि नहीं है। 1993 से लेकर अब तक का राणा साहब का इस क्षेत्र में राजनीति का लम्बा सफर रहा है। गांव के लोगो में उनके प्रति हमेशा अपनेपन की भावना रखी है 2015 के चुनाव छोड़ दे तो प्रत्येक चुनाव में राणा साहब को गांव से सबसे अधिक वोट मिलते रहे है। लेकिन अब हालत बदल चुके है गांव में एक दो लोगो को प्राथमिकता देते रहने, कुछ मोहल्लो को ही तवज्जो देने, इनके कार्यकर्ताओं द्वारा गांव के विकास कार्यो के प्रति निहित न रहना, आदी कारणों से राणा साहब का रुतबा अब सिमट रहा है।
मानना है की अगर कांग्रेस की और से प्रवीण राणा जो एक युवा और साफ़ सुथरी मिलनसार छवि के जनप्रिय नेता है को उम्मीदवार बनाती है तो सतप्रकाश राणा को तगड़ी प्रतिस्पर्धा मिलेगी । प्रवीण राणा वर्तमान निगम पार्षद है और साउथ दिल्ली नगर निगम के पूर्व मेयर रह चुके है। इनका राजनगर कॉलोनी में भी बेहतर प्रभाव है ये सतप्रकाश राणा के गांव से ही है। प्रवीण राणा अपने निगम क्षेत्र के बाहर भी लोगो के साथ मिलनसार संबंध बनाने में कामयाब रहे है। अपने राजनीति के कार्यकाल में इन्होने अपनी कार्यशैली से लोगो के बीच जल्द ही कामयाब और लोकप्रिय नेता का मुकाम हसिलकिया है जिसके ये हक़दार भी है।
वही दूसरी तरफ पूर्व विधायक विजय लोचव कभी भी क्षेत्र में अपना राजनितिक प्रभाव नहीं छोड़ पाए और गांव में चर्चा भी है की वे इसबार उम्मीदवारी के दावेदारो में नहीं माने जा रहे है।
बीजेपी में भूपेंदर गुप्ता जो की राज नगर कॉलोनी के निवासी है। वर्तमान निगम पार्षद है और साउथ दिल्ली नगर निगम में कई कमेटियों में महत्वपूर्ण पदों रह चुके है। गुप्ता जी की राजनगर में कार्यकर्ताओं पर अच्छी पकड़ है पार्षद रहते हुए इन्होने लोगो के बीच निरंतर रहते हुए बीजेपी के मजबूत नेता की छवि बनाये रखने में सफल रहे है। गुप्ता जी की चर्चा गांव में भी मजबूत दावेदारों में हो रही है।
गुप्ता जी अगर उम्मीदवारी लेने में सफल रहते है और दूसरी तरफ प्रवीण राणा उम्मीदवार बनते है तो वर्तमान में प्रवीण राणा का ही पलड़ा भरी माना जा रहा है। कारण भूपेंदर गुप्ता का क्षेत्र के गाँवो में ज्यादा परिचय नहीं है।
अगले लेख में गांव व क्षेत्र की जरूरतों पर ध्यान करेंगे।