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Wednesday, January 15, 2020

ॐ नमः शिवाय Om Namah Shivaya

गुरुर ब्रम्हा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वराय
गुरुर साक्षात पर ब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवे नमः
“ॐ नम: शिवाय” वह मूल मंत्र है, जिसे कई सभ्यताओं में महामंत्र माना गया है। इस मंत्र का अभ्यास विभिन्न
आयामों में किया जा सकता है। इन्हें पंचाक्षर कहा गया है, इसमें पांच मंत्र हैं। ये पंचाक्षर प्रकृति में मौजूद पांच तत्वों के प्रतीक हैं और शरीर के पांच मुख्य केंद्रों के भी प्रतीक हैं। इन पंचाक्षरों से इन पांच केंद्रों को जाग्रत किया जा सकता है। ये पूरे तंत्र (सिस्टम) के शुद्धीकरण के लिए बहुत शक्तिशाली माध्यम हैं।
ॐ नमः शिवाय का उच्चारण करने का सही तरीका
सद्‌गुरु : ॐ ध्वनि का उच्चारण ओम के रूप में नहीं करना चाहिए। इसे उच्चारित करने का तरीका है, अपना मुंह खोलकर आSS बोलना, और जब आप धीरे-धीरे अपना मुंह बंद करते हैं, तो ये ऊ और म बन जाता है। ये स्वाभविक रूप से होता है। ये आप खुद नहीं करते। अगर आप बस अपना मुंह खोलकर सांस बाहर छोड़ें, तो ये आSS बन जाएगा। जैसे-जैसे आप मुंह बंद करेंगे, ये धीरे-धीरे उउऊ बनेगा और मुंह बंद होने पर म्म्म बन जाएगा। आSSउउऊम्म्म को अस्तित्व के बुनियादी ध्वनियों के रूप में जाना जाता है। अगर आप ये तीनों ध्वनियाँ एक साथ बोलें, तो आपको क्या मिलेगा? इसलिए हम कहते हैं कि आऊम सबसे बुनियादी मन्त्र है। तो इस मन्त्र को “ओम नमः शिवाय” के रूप में उच्चारित नहीं करना है, इसे “आऊम नमः शिवाय” के रूप में उच्चारित करना है।
पूरी जागरूकता के साथ किसी मंत्र को बार-बार दुहराना दुनिया के अधिकतर आध्यात्मिक मार्गों की शुरुआती साधना रही है। अधिकतर लोग मंत्र का इस्तेमाल किए बिना अपने भीतर ऊर्जा के सही स्तर तक ऊपर उठने में असमर्थ होते हैं। मैंने पाया है कि नब्बे फीसदी लोगों को खुद को सक्रिय करने के लिए हमेशा मंत्र की जरूरत पड़ती है। उसके बिना, वे अपनी ऊर्जा कायम नहीं रख पाते।
मंत्र का अर्थ
नमः शिवाय का अर्थ "भगवान शिव को नमस्कार" या "उस मंगलकारी को प्रणाम!" है।
सिद्ध शैव और शैव सिद्धांत परंपरा जो शैव संप्रदाय का हिस्सा है, उनमें नमः शिवाय को भगवान शिव के पंच तत्त्व बोध और उनकी पाँच तत्वों पर सार्वभौमिक एकता को दर्शाता मानते हैं :
"न" ध्वनि पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है
"मः" ध्वनि पानी का प्रतिनिधित्व करता है।
"शि" ध्वनि आग का प्रतिनिधित्व करता है।
"वा" ध्वनि प्राणिक हवा का प्रतिनिधित्व करता है।
"य" ध्वनि आकाश का प्रतिनिधित्व करता है।
इसका कुल अर्थ है कि "सार्वभौमिक चेतना एक है"।