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Wednesday, February 9, 2011

Park Progress Report

Park Progress Report
10.7.2010 to 31.10.2010
Park before pic

Park at Present




Tuesday, November 23, 2010

बाल अदालत

BAL ADALAT ON OCCASION OF BAL DIVAS
14.11.2010

बाल अदालत 
बाल दिवस 14.11.2010









Mr. Naresh Lamba
President
संस्था द्वारा बाल दिवस 14.11.2010 के अवसर पर दैनिक जागरण अखबार की मिडीया पार्टनरषिप में बाल अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें बाल सुरक्षा एवं बच्चों को पेष आने वाली दिक्कतो को बच्चो के द्वारा ही समस्या सम्बंधित विभाग के अधिकारी के समक्ष रखने तथा अधिकारियों व लोगो का ध्यान बच्चों की सुरक्षा की तरफ लाना रखा गया। 

कार्यक्रम में 4 साल से 13 साल तक के बच्चों को आंमत्रित किया गया तथा बलाईन्ड परसन एसोसिएसन के बच्चो को विषेष रुप से आमंत्रित किया गया। जिसमें बच्चो की सुरक्षा जैसे- बाजार के फुटपाथ, रेड लाईटो पर जैबरा क्रांसिग खाली रहना, स्कूल के समय सुबह और छुट्टी के समय पुलिस पट्रोलिंग, रेड लाईट पर ट्रफिक पुलिस की नियुक्ति, छुट्टी के समय गेट पर भीड़ व आउट साईडर की वजह से झगड़ा होना, स्कूल के टायलेट की गन्दगी, उर्पयुक्त खेल के मैदान न होना, मेन बाजारो में षराब के ठेके होना खुले में षराब पीना और झगड़ा करना व अन्य स्कूल तथा बाजार व घर में बच्चो के साथ सुरक्षा सम्बंधि दिक्कतो व कारणों की वजह से बच्चों की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव पर ध्यान डाला गया।
कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारीगण-
Hon’ble Dr. Sushma Yadav, Juvelnile Justice Board
Mr. S.S.Rathi, SHO Dwarka South PS Delhi Police
Mr. Raj Singh, ASI Traffic Dwarka Delhi Police
Mr. Subhash Chander, Inspector MACT Cell Delhi Police
Mrs. Sangmitra, Inspector Juvenile Cell Distt.S/W Delhi Police (Absent)
Mr.Bhupender Gupta, Vice-Chairman Education Samiti MCD Delhi
Mr. C.S.Yadav, Nodal Officer Education Najafgarh Zone Distt.S/W Delhi Govt
Mr.Netrapal Singh, Principal Govt. Sr.Sec.School
Mr. R.S.Chouhan, Gen.Sec. Main Market Welfare Association Palam Ext.
Mr. R.K.Rohilla, Gen.Sec. Palam Ext. RWA
and other NGOs, RWAs representatives or Social Activists


बाल अदालत का उद्देश्य 
बच्चो को उनके अधिकारो के प्रति जागरुक करना, समाज व सरकारी अधिकारियों को बच्चो के अधिकार, सुरक्षा व बच्चो के प्रति उनके दायित्व निभाने के लिए प्रेरित करना। बच्चो को अपनी सुरक्षा व समस्याओं को समाज के जिम्मेदार प्रबुद्ध व्यक्तियों के समक्ष निदान एवं विचार-विमर्ष के लिए रखने का अवसर प्रदान करना जिससे ये बच्चे जैसे-जैसे बड़े होगें अपनी व समाज की जिम्मेदारियों को समझते हुए समाज व देश  के प्रति अपना कर्तव्य पूरा कर सकें और देष की तरक्की में अपना भरपूर योगदान देने में सक्षम बन जाए।
आयोजन का प्रभाव
संस्था द्वारा शिक्षा  व अन्य विषयों पर सफलता पुर्वक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए है जिनका समाज में काफी अच्छा प्रभाव रहा है। इस बाल अदालत के आयोजन से समाज को बच्चो के प्रति सोचने कि नई दिषा मिलेगी बच्चे अपनी दिक्कते रुबरु उन लोगो के सामने रखेगे जो या तो इस समस्या को पैदा करता है और जिनकी जिम्मेदारी इसको पैदा होने से रोकने व दुर करने की है। बच्चो के मन में इस तरह के कार्यक्रमो में भाग लेने के बाद काफी अच्छा प्रभाव देखा गया है। बच्चो में आत्मविष्वास की वृद्धि होती है इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेना उनके जीवन में सदैव उनको याद रहता है और कुछ नया कर गुजरने की प्रेरणा देता है।
कार्यक्रम का संचालन संस्था की बाल प्रतिनिधि कुमारी अनिशा ने किया.

बच्चों द्वारा बाल अदालत में अधिकारियों के समक्ष रखी गई बातें।
शिवम्  भारल- निवासी गाँव शाहाबाद  मौहम्मद पुर नई दिल्ली, राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय द्वारका सैकटर-11 की कक्षा 7 वीं का छात्र।
स्कूल के साथ लगभग 12 सड़के आकर मिलती है और वहाँ रेड लाईट न होने के कारण ऐक्सीडेंट होते रहते है। छट्टी के समय भीड़ ज्यादा होने के कारण सड़क पार करना मुषकिल हो जाता है। इस स्थान पर रेड लाईट बनवायी जाए। जब तक रेड लाईट नहीं बनती तब तक इस जगह ट्रफिक पुलिस की नियुक्ति की जाए।
स्कूल के नजदीक से मैट्रो लाईन है लाईन के निचे पूरी द्वारका का कुड़ा डाला जाता है। जिससे स्कूल में बुरी तरह बदबु फैली हुई है। हमें पढ़ाई में दिक्कते आ रहीं है स्कूल में सर दर्द रहता है। इसे हटवाया जाए।
अंकित लाम्बा- निवासी गाँव शाहाबाद  मौहम्मद पुर नई दिल्ली, शिक्षा  भारती पब्लिक स्कूल द्वारका सैकटर-7 की कक्षा 7 वीं ब का छात्र।

सुबह स्कूल के समय गाँव के रेलवे फाटक पर बहुत ज्यादा भीड़ होती है कई रेल आकर रुकती है। बस रुट न0 717, 801 व आर.टी.वी वाले अपनी बस फाटक पर ही खड़ी रखते है। जिससे बाकी गाड़ियो के निकलने की जगह नहीं रहती। इन बसों के लिए फाटक पार करके रेलवे स्टेषन के पास काफी खुली जगह है लेकिन सवारी भरने के चक्कर में फााटक पर ही खडी करते है जिससे जाम लग जाता है बाकी गाड़ियाँ भी आड़ी-तिरछि फंसा देते है और हम स्कूल में लेट हो जाते है। आर. टी.वी. वाले जब अपनी बस खड़ी करते है तो पहिए के निचे ईटं-पत्थर लगाते है बाद में उनको हटाते नहीं वहीं छोड़कर चल देते है जिससे साईकिल वाले बच्चो गिर जाते है। हमारे स्कूल के समय सुबह 7 बजे से 8 बजे तक इन बसो को यहाँ से हटवाया जाए और रेलवे फाटक पर ट्रफिक पुलिस खड़ी की जाए। 
हमारे स्कूल की छुट्टी के समय बहुत भीड़ होती है और बाहर के बच्चे आकर मोटर साईकिल पर स्टंट करते रहते है और हमारे स्कूल के बच्चो के साथ झगड़ा करते है लड़कियों को परेषान करते है। कई बार तो झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि हाकी और डण्डे लेकर आ जाते है जिससे हम छोटे बच्चो को खतरा बना रहता है। हमारी छुट्टी के समय स्कूल के गेट पर पुलिस तैनात की जाए।
गुलिस्ता खातून, सैफ अलि, मौ. साजिद, राबिया खातून- निवासी जे.जे. कालोनी सैक्टर-7, छात्र प्राथमिक विद्यालय दिल्ली नगर निगम जे.जे. कालोनी सैक्टर-7 द्वारका। 

हमारी कालोनी में लोग खुलेआम शराब  पीते है और फिर झगड़ा करते है कई बार हम बच्चो से भी मार-पीट करते है। सैक्टर 7 के सिटि माल में शराब  की दुकान है जहाँ से हमारी कालोनी की तरफ आकर लोग सड़क पर ही शराब  पीते है।
हमारी कालोनी में खेलने की कोई जगह या पार्क नही है हमारी कलोनी के बारात घर (कम्युनिटि सैटंर) में झुले लगवाए जाए और बच्चों के लिए एक लाईब्रेरी खोली जाए जिसमें एक बड़ा टी.वी. भी होना चाहिए।
हमारे स्कूल का टायलेट बहुत गन्दा है। उसमें पानी भी नही रहता है। टायलेट साफ करवाया जाए और स्कूल के आस-पास की नालियों से निकाला गया कीचड़ भी हर रोज उठवाया जाए।
 कुमारी नीजु, अमिषा, रानू, प्रीति,- निवासी हरिजन बस्ती पालम एैक्स. सैक्टर-7 द्वारका, छात्राएँ प्राथमिक विद्यालय दिल्ली नगर निगम सैक्टर 7 द्वारका


हमारे विद्यालय का टायलेट बहुत गन्दा है। इसमें हमेशा  बदबु आती रहती है। इसकी नियमित सफाई करवाई जाए।
हमारी सबसे बड़ी समस्या मेंन रोड़ के फुटपाथ चलने की जगह नहीं होना है। फुटपाथ पर गाड़ियाँ रिपेयर की जाती है और वहीं फुटपाथ के साथ ही खड़ी रहती है हमें चलने के लिए सड़क के बीचों-बीच से निकलना पड़ता है जिससे कई बार हम बच्चों को चोट लग चुकी है। हमारे कपड़े काले हो जाते है। हम ग्रीस पर फिसल कर गिर जाते है। फुटपाथ पर कई जगह तो बिलकुल ही बंद किया हुआ है। आप बताएँ हम कैसे चलें। हम चाहते है कि हमारे चलने के लिए फुटपाथ खाली और साफ-सुथरे तथा पक्के होने चाहिए।
फुटपाथ पर होटल चल रहे है जिनके गैस के चूल्हे और तंदुर तथा आग की भट्ठियाँ फुटपाथ पर ही लगी हुई है जिनके अंगारे कई बार हमारे उपर गिर चुके है यहि पर ही ये लोग बर्तन भी धोते हैं। सारी जगह गन्दगी कर रखी है तंदुर से आग निकलती है। हम कैसे ठीक-ठाक अपने घर पहुँचे। इस पुरे फुटपाथ पर ही चाय, सिगरेट, परांठे वाले व अन्य दुकानो से पुरा का पुरा फुटपाथ ही बंद हो गया है। लोगो ने तो अपनी गाड़ियाँ ही फुटपाथ पर पार्क कर रखी है हम बच्चे कैसे अपने घर, स्कूल, खेलने या कहीं कैसे समय पर और ठीक-ठाक पहुचें। घर वाले हमें इस डर से बाहर नहीं निकलने देते। स्कूल जाना और पढ़ने जाना तो हमारी जरुरत है। हम कैसे सुरक्षित रहें।
हमने सुना है कि घर से स्कूल और सड़क पर फुटपाथ आदि पर चलना हम बच्चों के सुरक्षित चलने के मौलीक अधिकारों में आता है। हम आप सबसे अपना अधिकार मांगते है। हमे हमारा अधिकार दिया जाए

हिमांशु  गुलैइया-निवासी चिराग दिल्ली, छात्र कक्षा 7 वीं सैटं पाल स्कूल हौजखस नई दिल्ली

हमारे स्कूल में और स्कूलो की अपेक्षा छुट्टियाँ कम होती है और इतना सारा होम वर्क, प्रक्टिकल का कार्य, लिखने का कार्य दे दिया जाता है हमें पढ़ने और याद करने का पूरा समय नहीं मिल पाता हम कब खेलने जाए कैसे अपना कार्य पूरा करें। स्कूल में कार्य पूरा न होने पर पिटना पड़ता है घर में सारा दिन स्कूल का काम कर लो मम्मी चिखती रहती है क्या ये हि हमारा बचपन है। कई किताबे तो इतनी महंगी होती है 150 से 300 रु की और पूरा साल स्कूल में खेली भी नही जाती फिर क्यो बेकार का बोझ हमारे उपर लाद रखा है।
सान्या कपूर- निवासी ए-79 पालम एैक्स. सैक्टर-7, छात्रा कक्षा 2 विष्व भारती पब्लिक स्कूल द्वारका सैक्टर-6
मै स्कूल बस से आती-जाती हूँ स्कूल के समय सुबह और षाम जब हमारी बस रेड लाईट पर पहूँचती है तो हर रोज एक्सीडण्ट होने का खतरा बना रहता है क्यो कि रेड लाईट पर गाड़ीयाँ आडी टेढी खड़ी होती है। बती हमारी हरी होती बीच में बाईक, रिक्षा और सलैण्डर वाले फंस जाते है। साईकिल वाले बच्चे भी कई बार टकराते - टकराते बचते है। जब रेड लाईट खुलती है तो लाईट पार करने से पहले ही दुबारा लाल हो जाती है अगर जेबरा क्रासिंग खाली हो और गाड़ियाँ ठीक प्रकार से खड़ी हो हमारी बस बैगर फंसे आराम से और टाईम से स्कूल पहुँच जाएगी। मै पुलिस अंकल से चाहती हुँ कि आप स्कूलों के सुबह और छुट्टी के समय आप रेड लाईटों पर रहे और हमारी बसों को और पैदल व साईकिल वाले बच्चों को सुरक्षित रेड लाईट पार कराए।
अदिती सोलंकी कक्षा-4
हिमांषु कक्षा-7
निवासी पालम एक्स . सैक्टर-7 द्वारकाए छात्रा केद्रिय विद्यालय सैक्टर-5 द्वारका 
चित्रा शर्मा  कक्षा 6 शिक्षा  भरती पब्लिक स्कूल द्वारका सैक्टर -7

हमारी कालोनी में पीने का पानी बहुत गन्दा आ रहा है हमारे घर में आर ओ नहीं लगा हुआ मै कहाँ से साफ पानी पिउँ। पानी में गन्दे नाले का पानी मिला हुआ है।
मेंन रोड के फुटपाथ पर चलने की जगह नही है मुझे सड़क के बीच में से चलना पड़ता है। जिससे कई बार चोट लगते-लगते रह जाती है। मेरा फुटपाथ चलने के लिए खाली करवाया जाए और जो सीवर फुटपाथ पर खुले पड़े है। इन्हे फौरन बंद करवाया जाए।
मच्छर बहुत ज्यादा है सारी रात काटते रहते है हर हफते मच्छरो का धुआँ छोड़ा जाना चाहिए।
हमारी कालोनी में दो पार्क है एक तो छोटा वह तो संस्था द्वारा हरा-भरा करवा दिया गया लेकिन छोटा होने के कारण हम वहाँ खेल नहीं सकते क्योंकि पेड़-पौधे टूट जाएगें। साथ में ही बहुत बड़ा पार्क है उसमें मलबा भरा पड़ा है, सुअर लौटते है, लोग रहने भी लगे है, कुड़ा डाला जाता है। इसमें पार्क बनाकर और खेलने का स्थान बनवाया जाए।
हमारी कालोनी के अन्दर सफाई तो कभी होती ही नहीं। सफाई हर रोज होनी चाहिए।
शिवम्  मिश्रा- निवासी द्वारका सैक्टर-6, छात्र कक्षा 4 आर. डी. राजपाल स्कूल द्वारका सैक्टर-9
स्कूल का बैग बहुत भारी है ज्यादातर किताबे अैसी होती हे जिनका अगर स्कूल में काम होता है तो घर में नही होता और अगर घर में काम है तो स्कूल में नही होता इसके साथ-साथ स्कूल व घर के कार्य की नोट बुक भी अलग-अलग होती है आपसे निवेदन है कि सभी स्कूलो में लाकॅर की सुविधा होनी चाहिए जिससे हमारे स्कूल बैग का वजन कुछ हल्का हो जाए।
रेड लाईट पर जब्रा क्रांसिग स्कूल की छुट्टी के समय खाली रहे ताकि हमें सड़क पार करने में दिक्कत होती है। स्कूल की छुट्टी के समय रेड लाईट पर ट्रफिक पुलिस होनी चाहिए जो हमें आराम से सड़क पार करवाए।
रामफल चैक व अन्य कई जगह बिजली व केबल की तार सड़क पर निचे पड़ी रहती है अंधेरे में दिखाइ्र नही देती एक बार तो बाईक वाले की गर्दन में फंस गई थी वह सड़क पर गिर गया और उसको काफी चोटे आई थी।
हर्षित  परिहार - निवासी बिन्दा पुर, छात्र कक्षा 7वीं ब बासवा इन्टरनेष्नल स्कूल सैक्टर-21 द्वारका
केवल पालम एैक्स. ही नहीं हमारे बिन्दा पुर में तो कई जगह फुटपाथ ही नहीं है। जहाँ फुटपाथ है वहाँ दुकानदारो द्वारा फुटपाथों का अतिक्रमण कर लिया गया है हम बच्चो को स्कूल व बाजार जाना पड़ता है लेकिन हम कैसे सुरक्षित पहुँच सकते है। ये केवल हमारे क्षेत्र की बात नहीं पुरी दिल्ली में हमारे लिए सुरक्षित चलने के अधिकार का दुकानदारो द्वारा फुटपाथ के अतिक्रमण की वजह से हनन किया जा रहा है इसमें केवल दुकानदार ही नही हमारी सरकार व पुलिस और दिल्ली नगर निगम भी पुरी तरह से जिम्मेदार है मेरा निवेदन है कि सरकार सख्त नियम बनाकर हमारे फुटपाथ खाली कराए।

अश्वनी - गाँव शाहाबाद  मौहम्मद पुर, कक्षा 7 वीं राजकीय उच्चतर माध्यमिक बाल विद्यालय शाहाबाद  मौहम्मद पुर।
हमारे स्कूल में लगभग 40 साल पुराने सफेदे के 120-125 पेड़ है जिनकी उचाँई 150 से 200 फुट है। हर साल जब आँधी आती है तो एक दो पेड़ गिर जाता है एक बार तो हमारे क्लास रुम के उपर भी गिर चुका है। इन पेड़ों से हमेषा खतरा बना रहता है। इन पेड़ो की तुरन्त छटाँई करवाई जाए और जो पेड़ बिलकुल सूख चुके है उनको कटवाया जाए।
रमनिका भुटानी उम्र 4 साल निवासी द्वारका सैक्टर-१२

हमारे द्वारका में जगह - जगह कुड़ेदान रखे गए है लेकिन उनमें कोई भी कुड़ा नही डालता सारा कुड़ा बाहर ही पड़ा रहता है। जिससे गन्दगी फैलती है बदबु आती है जानवर आते है। घरो से कुड़ा उठाकर लाने वाले कुड़दान से बाहर ही कुड़ा डाल देते है। इनको रोका जाए।
हमारे द्वारका में मच्छर बहुत ज्यादा है जो हमें करटते रहते है जिससे हम बीमार पड़ सकते है। इनके लिए हर सप्ताह स्मोक छोड़ा जाए।
कई जगह रेड लाईट नहीं है। ऐक्सीडैण्ट होते है रेड लाईट लगवाई जाए।
ब्लाइंड परसन एसेसिएसन द्वारका सैक्टर-13 की छात्राए

जिस प्रकार मैट्रो रेल में प्रत्येक स्टेषन आने से पहले रेल में स्पीकर द्वारा स्टेषन का नाम बताया जाता है उसी प्रकार डी.टी.सी बसो में भी बस स्टैंड आने से पहले जगह का नाम बताने का सिस्टम होना चाहिए। हमे बार-बार किसी न किसी पुछते रहना पड़ता है। कई बार या तो पहले उतर जाते या हमारा स्टैंड ही निकल जाता है। यह जरुरी करना चाहिए कि अगर स्पीकर नहीं है तो कन्डक्टर आवाज लगाकर प्रत्येक आने वाली जगह का नाम बताए।
बसो में अकसर हमारे साथ छेड़खानी होती रहती है इसका कोई उपाय किया जाए।
हमारा आश्रम द्वारका सैक्टर-13 में है। वहाँ न तो कोई बस की सर्विस है न ही कोई बस स्टैंड है। हमारे आश्रम से मैटो फीडर बस और डी.टी.सी. की बस चलवाई जाए और हमारी अंधता को ध्यान में रखते हुए उपर्युक्त बस स्टैंड बनवाया जाए।





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