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Thursday, September 19, 2024

Kua Dham Bagar | kuan Dham | कुआं धाम बगड़

 Kua Dham Bagar | kuan Dham Bagar | कुआं धाम बगड़ |Dharm Yatri 


कुआं धाम के नाम से प्रसिद्ध यह धाम राजस्थान के प्रमुख पूजनीय देवता श्री पाबू पाल जी महाराज का देव स्थान है। धाम के संस्थापक श्री मलसिंह जी महाराज एक तपस्वी संत है। मलसिंह जी शेखावत ने पाबूपाल जी की तपस्या की ओर सिद्धियां प्राप्त की। गुरु मलसिंह जी के कठोर जप और तप से सञ्चित कुआ धामकुआ धामबगड़, श्री पाबूजी महाराज की धामो में से एक धाम है। 
कुआ धाम, बगड़, श्री पाबूजी महाराज की धामो में से एक धाम है। इसे पाबू धाम के नाम से भी जाना जाता है। यह धाम भारत के राजस्थान राज्य के झुंझुनूं जिले के बगड़ कसबे में स्थित है ।
यह एक धर्म धाम है  जो भी यहाँ सच्ची लग्न से आता है और महाराज जी के आदेशानुसार चलता है उसे शत प्रतिशत फायदा मिलता है





Kua Dham Ke Niyam ! कुआ धाम के नियम

** धाम पर मेला हर महीने चांदनी दसवीं से पूर्णमासी तक होता है 

** गंभीर रोगी कभी भी धाम पर जा सकता है 

** धाम पर यात्री कण बांधे, भभूत ले माँ झड़ी ज्वाला की फेरी लगाए, भगवान की ज्योत देखे 

** जो यात्री पहली बार धाम पर आये वह भगवान की ज्योत देखे उसे 4 -5 ज्योत देखने से कुछ फायदा लगे तो ही आगे आये नहीं तो तो अपना इलाज कही और कराये 

** धाम पर बैठ कर भगवानके भजन करे 

** गन्दा खाना शराब मीट मच्छी आदि का सेवन न करे 

** झूठ चुगली आदि छोड़ दे 

** धाम में मर्यादा से रहे 

** साल के चार नवरात्रे और भादो माह की नवमी को पाबूजी महाराज के जन्मदिन पर यात्री धाम पर जरूर आये 

** कोई भी यात्री भूखा न रहे पैसे आदि नहीं है तो धाम की तरफ से निःशुल्क भोजन ले 

** धाम पर कोई चढ़ावा नहीं है देने के लिए कण भभूत और लेने के लिए श्रद्धा भाव व वभाजन है 

** धाम पर चोरी चाकरी न करे 

** साफ़ सफाई का ध्यान रखे 

Kua Dham Bagar | kuan Dham Bagar | Kuan Dham Bagar

This Dham, famous as Kuan Dham, is the place of worship of Shri Pabu Pal Ji Maharaj, the main revered deity of Rajasthan. The founder of the Dham, Shri Mal Singh Ji Maharaj is an ascetic saint. Mal Singh Ji Shekhawat attained siddhis through the penance of Pabu Pal Ji. Kua Dham is enriched with the rigorous chanting and penance of Guru Mal Singh Ji. Kua Dham, Bagar, is one of the Dhams of Shri Pabu Ji Maharaj.

Kua Dham, Bagar, is one of the Dhams of Shri Pabu Ji Maharaj. It is also known as Pabu Dham. This Dham is located in Bagar town of Jhunjhunu district of Rajasthan state of India.

This is a religious Dham. Whoever comes here with true devotion and follows the orders of Maharaj Ji, gets 100 percent benefit.

Kua Dham Ke Niyam! Rules of Kua Dham

** Fair is held at the Dham every month from Chandni Dasami to Poornamasi

** Seriously ill can visit the Dham anytime

** At the Dham, the pilgrim should tie a particle, take bhabhut and take a round of Maa Jhadi Jwala, see the flame of God

** The pilgrim who comes to the Dham for the first time should see the flame of God. If he gets some benefit from seeing 4-5 flames, then only he should come forward, otherwise he should get his treatment done somewhere else

** Sit at the Dham and sing bhajans of God

** Do not consume dirty food, alcohol, meat, fish etc.

** Give up lying, gossiping etc.

** Behave with dignity in the Dham

** On the four Navratras of the year and on the birthday of Pabuji Maharaj in the month of Bhado, the pilgrim must visit the Dham

** No pilgrim should remain hungry, if there is no money etc. then take free food from the Dham

** There is no offering at the Dham, there is only particle bhabhut to give and devotion and division to take

** Do not steal or do any service at the Dham ** Take care of cleanliness

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* kuan dham kahan hai
kuan dham bagar rajasthan ke jhunjhnu jile ke bagar gaon me hai.
* kua dham by bus
kua dham ke najdiki bus stand bagar ka padta hai. Delhi, Rohtak, Jhajhar, Charkhi Dadri, Loharu, Sikar, Jaipur aadi se bus service hai
* kua dham by train
Kuan Dham ke najdik railway station Ratan Shahar 5km door hai. jo Delhi Loharu Jaipur Rail Marg par padta hai.
* delhi to kua dham yatra by road
* kua dham nearest railway station
Ratan Shahar


* kua dham ki arti


पाबू जी की आरती ! Pabu ji ki aarti

 जय लक्ष्मण देवा , स्वामी जय लक्ष्मण देवा।
श्री पाबुपाल जी री करा आरती , सत सारु सेवा ।।  ..
कुम्भ कलश गंगाजल ल्यावे , ध्यान स्नान करो 
पुष्प माल पहरो गल माही , मस्तक पाग धरो ।।  ..
अंग अंगरखी वस्त्र सोहे , केशरिया बागो 
कर में कमल कटारी , संग में भालो थे राखो ।।  ..
कोलूमंड में चढ़े पालजी , केशर असवारी 
झोपड़ा धाम पर आज विराज्या , श्री पाबूजी तपधारी ।।  ..
झालर शंख नगाड़ा बाजे , शोभा अति भारी 
झोपड़ा धाम पर नोपत बाजे , मन्दिर मझधारी ।।  ..
गूगल धूप देवालय खेवां , गऊ घृत धारा 
नारियल डोडा लूंग सुपारी , उज्जवल फल सारा ।।  ..
दास करे अरदास हाजरी , मेरी लिख लिज्यो 
थारे चरणां में राखो नाथ , म्हारी लज्जा रख लिज्यो ।।  ..
चाकर राखों चरण कमल रो , रोज करूं पूजा 
आप ही मात पिता मेरे स्वामी , और नहीं दूजा ।।  ..
जो नर धयावे गावे आरती , पावे फल मेवा 
मलूसिंह कहे भव से तारों , नैया के खेवां ।।
भीमसिंह कहे  भव से तारों , नैया के खेवां ।।  ..

माँ झड़ी ज्वाला की आरती ! maa jhadi jwala ji ki arti

ॐ जय झाड़ी ज्वाला , मैया जय झाड़ी ज्वाला ।
भक्तजनों की रक्षा करिये , करिये प्रतिपाला ।। ॐ ..
जग मग ज्योत आरती होती , झालर झनकारा ।
साज बात रंग राग छतिसो , जय जय जयकारा ।। ॐ ..
जरीक सबसे रेशमी है साड़ी , अंगिया अंग सोहे ।
रूप अनूप महिमा शक्तियां , तीन लोक मोहे ।। ॐ ..
हार श्रृंगार गलसरी है गल में , कर कंगन वाली ।
पायल बिछिया पग में धारना , माँ नथ बेसर वाली ।। ॐ ..
शेर सवारी चढ़ी जगदम्बा , खड्ग खपरधारी ।
दानव दुष्ट दले पलमाही , भक्तन हितकारी ।। ॐ ..
जब जब भीड़ पड़ी भक्तन पर , माई न याद करी ।
ऋषि मुनि संत माँ , पल पल में आन करी ।। ॐ ..
आदि जुगादी महिमा शाली , तु गौरी काली ।
निराकार साकार भवानी , सबसे है आली ।। ॐ ..
ब्रह्मा विष्णु महेश मनावे , सब ऋषि मुनि ध्यावे ।
आदि अन्त का पार नहीं तेरा , चारो वेद गावे ।। ॐ ..
मलूसिंह थारी गावे आरती , अज्ञानी बाला ।
भीमसिंह थारी गावे आरती , अज्ञानी बाला ।
घट के पट दे खोल भवानी , करदे उजियाला ।। ॐ ..

प्रार्थना श्री रूपनाथ जी महाराज

केसर कुदाई कुण्डिये , माथे जसरो मोर 
भीड़ पड्यां सहाय करे , श्री रणबाप राठौर ।।
केसर घोड़ी कालवी , मोतिया जड़ी लगाम 
चढ़ भाल्याला निसरा , थाने दुनिया करे प्रणाम 
बोली चाल कनोज की , तन केसरिया साथ 
चढवा  घोड़ी कालवी , जय श्री पाबूजी महाराज ।।
आवड़ दुहि भाटिया , कानेरी गोड़ास 
श्री बरवड़ सिसोदिया , श्री करणी राठौर ।।

Wednesday, January 15, 2020

ॐ नमः शिवाय Om Namah Shivaya

गुरुर ब्रम्हा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वराय
गुरुर साक्षात पर ब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवे नमः
“ॐ नम: शिवाय” वह मूल मंत्र है, जिसे कई सभ्यताओं में महामंत्र माना गया है। इस मंत्र का अभ्यास विभिन्न
आयामों में किया जा सकता है। इन्हें पंचाक्षर कहा गया है, इसमें पांच मंत्र हैं। ये पंचाक्षर प्रकृति में मौजूद पांच तत्वों के प्रतीक हैं और शरीर के पांच मुख्य केंद्रों के भी प्रतीक हैं। इन पंचाक्षरों से इन पांच केंद्रों को जाग्रत किया जा सकता है। ये पूरे तंत्र (सिस्टम) के शुद्धीकरण के लिए बहुत शक्तिशाली माध्यम हैं।
ॐ नमः शिवाय का उच्चारण करने का सही तरीका
सद्‌गुरु : ॐ ध्वनि का उच्चारण ओम के रूप में नहीं करना चाहिए। इसे उच्चारित करने का तरीका है, अपना मुंह खोलकर आSS बोलना, और जब आप धीरे-धीरे अपना मुंह बंद करते हैं, तो ये ऊ और म बन जाता है। ये स्वाभविक रूप से होता है। ये आप खुद नहीं करते। अगर आप बस अपना मुंह खोलकर सांस बाहर छोड़ें, तो ये आSS बन जाएगा। जैसे-जैसे आप मुंह बंद करेंगे, ये धीरे-धीरे उउऊ बनेगा और मुंह बंद होने पर म्म्म बन जाएगा। आSSउउऊम्म्म को अस्तित्व के बुनियादी ध्वनियों के रूप में जाना जाता है। अगर आप ये तीनों ध्वनियाँ एक साथ बोलें, तो आपको क्या मिलेगा? इसलिए हम कहते हैं कि आऊम सबसे बुनियादी मन्त्र है। तो इस मन्त्र को “ओम नमः शिवाय” के रूप में उच्चारित नहीं करना है, इसे “आऊम नमः शिवाय” के रूप में उच्चारित करना है।
पूरी जागरूकता के साथ किसी मंत्र को बार-बार दुहराना दुनिया के अधिकतर आध्यात्मिक मार्गों की शुरुआती साधना रही है। अधिकतर लोग मंत्र का इस्तेमाल किए बिना अपने भीतर ऊर्जा के सही स्तर तक ऊपर उठने में असमर्थ होते हैं। मैंने पाया है कि नब्बे फीसदी लोगों को खुद को सक्रिय करने के लिए हमेशा मंत्र की जरूरत पड़ती है। उसके बिना, वे अपनी ऊर्जा कायम नहीं रख पाते।
मंत्र का अर्थ
नमः शिवाय का अर्थ "भगवान शिव को नमस्कार" या "उस मंगलकारी को प्रणाम!" है।
सिद्ध शैव और शैव सिद्धांत परंपरा जो शैव संप्रदाय का हिस्सा है, उनमें नमः शिवाय को भगवान शिव के पंच तत्त्व बोध और उनकी पाँच तत्वों पर सार्वभौमिक एकता को दर्शाता मानते हैं :
"न" ध्वनि पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है
"मः" ध्वनि पानी का प्रतिनिधित्व करता है।
"शि" ध्वनि आग का प्रतिनिधित्व करता है।
"वा" ध्वनि प्राणिक हवा का प्रतिनिधित्व करता है।
"य" ध्वनि आकाश का प्रतिनिधित्व करता है।
इसका कुल अर्थ है कि "सार्वभौमिक चेतना एक है"।

Saturday, January 4, 2020

Delhi Election 2019 Bijwasan Vidhansabha

मौजूदा हालात - वर्तमान स्थिति        4 जनवरी 2019 
नरेश लाम्बा 
गांव शाहाबाद मोहम्मद पुर 
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संभावित उम्मीदवार
बीजेपी 
सतप्रकाश राणा
भूपेंदर गुप्ता  
कांग्रेस 
विजय लोचव 
प्रवीण राणा 
आम आदमी पार्टी 
कोई नहीं 
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दावेदारी पर लोगो के विचार 
देखा जाये तो पूर्व विधायक सतप्रकाश राणा को ग्रामीण लोग ज्यादा मजबूत दावेदार मान रहे है लेकिन इसके साथ साथ राणा साहब की दावेदारी पर उनके विधायक के कार्यकाल और लोगो के साथ पिछले ५ साल कटे रहने और कार्यशैली, व्यवहार के प्रति भी नाराजगी है। गांव में बीजेपी या राणा साहब का कोई सर्वमान्य कार्यकर्ता या प्रतिनिधि नहीं है। 1993 से लेकर अब तक का राणा साहब का इस क्षेत्र में राजनीति का लम्बा सफर रहा है। गांव के लोगो में उनके प्रति हमेशा अपनेपन की भावना रखी है 2015 के चुनाव छोड़ दे तो प्रत्येक चुनाव में राणा साहब को गांव से सबसे अधिक वोट मिलते रहे है। लेकिन अब हालत बदल चुके है गांव में एक दो लोगो को प्राथमिकता देते रहने, कुछ मोहल्लो को ही तवज्जो देने, इनके कार्यकर्ताओं द्वारा गांव के विकास कार्यो के प्रति निहित न रहना, आदी कारणों से राणा साहब का रुतबा अब सिमट रहा है।
 
मानना है की अगर कांग्रेस की और से प्रवीण राणा जो एक युवा और साफ़ सुथरी मिलनसार छवि के जनप्रिय नेता है को उम्मीदवार बनाती है तो सतप्रकाश राणा को तगड़ी प्रतिस्पर्धा मिलेगी । प्रवीण राणा वर्तमान निगम पार्षद है और साउथ दिल्ली नगर निगम के पूर्व मेयर रह चुके है। इनका राजनगर कॉलोनी में भी बेहतर प्रभाव है ये सतप्रकाश राणा के गांव से ही है। प्रवीण राणा अपने निगम क्षेत्र के बाहर भी लोगो के साथ मिलनसार संबंध बनाने में कामयाब रहे है। अपने राजनीति के कार्यकाल में इन्होने अपनी कार्यशैली से लोगो के बीच जल्द ही कामयाब और लोकप्रिय नेता का मुकाम हसिलकिया है जिसके ये हक़दार भी है। 
 
वही दूसरी तरफ पूर्व विधायक विजय लोचव कभी भी क्षेत्र में अपना राजनितिक प्रभाव नहीं छोड़ पाए और गांव में चर्चा भी है की वे इसबार उम्मीदवारी के दावेदारो में नहीं माने जा रहे है।  
    बीजेपी में भूपेंदर गुप्ता जो की राज नगर कॉलोनी के निवासी है। वर्तमान निगम पार्षद है और साउथ दिल्ली नगर निगम में कई कमेटियों में महत्वपूर्ण पदों रह चुके है। गुप्ता जी की राजनगर में कार्यकर्ताओं पर अच्छी पकड़ है पार्षद रहते हुए इन्होने लोगो के बीच निरंतर रहते हुए बीजेपी के मजबूत नेता की छवि बनाये रखने में सफल रहे है।  गुप्ता जी की चर्चा गांव में भी मजबूत दावेदारों में हो रही है। 
 
गुप्ता जी अगर उम्मीदवारी लेने में सफल रहते है और दूसरी तरफ प्रवीण राणा उम्मीदवार बनते है तो वर्तमान में प्रवीण राणा का ही पलड़ा भरी माना जा रहा है।  कारण भूपेंदर गुप्ता का क्षेत्र के गाँवो में ज्यादा परिचय नहीं है। 






अगले लेख में गांव व क्षेत्र की जरूरतों पर ध्यान करेंगे।