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Saturday, January 4, 2020

Delhi Election 2019 Bijwasan Vidhansabha

मौजूदा हालात - वर्तमान स्थिति        4 जनवरी 2019 
नरेश लाम्बा 
गांव शाहाबाद मोहम्मद पुर 
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संभावित उम्मीदवार
बीजेपी 
सतप्रकाश राणा
भूपेंदर गुप्ता  
कांग्रेस 
विजय लोचव 
प्रवीण राणा 
आम आदमी पार्टी 
कोई नहीं 
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दावेदारी पर लोगो के विचार 
देखा जाये तो पूर्व विधायक सतप्रकाश राणा को ग्रामीण लोग ज्यादा मजबूत दावेदार मान रहे है लेकिन इसके साथ साथ राणा साहब की दावेदारी पर उनके विधायक के कार्यकाल और लोगो के साथ पिछले ५ साल कटे रहने और कार्यशैली, व्यवहार के प्रति भी नाराजगी है। गांव में बीजेपी या राणा साहब का कोई सर्वमान्य कार्यकर्ता या प्रतिनिधि नहीं है। 1993 से लेकर अब तक का राणा साहब का इस क्षेत्र में राजनीति का लम्बा सफर रहा है। गांव के लोगो में उनके प्रति हमेशा अपनेपन की भावना रखी है 2015 के चुनाव छोड़ दे तो प्रत्येक चुनाव में राणा साहब को गांव से सबसे अधिक वोट मिलते रहे है। लेकिन अब हालत बदल चुके है गांव में एक दो लोगो को प्राथमिकता देते रहने, कुछ मोहल्लो को ही तवज्जो देने, इनके कार्यकर्ताओं द्वारा गांव के विकास कार्यो के प्रति निहित न रहना, आदी कारणों से राणा साहब का रुतबा अब सिमट रहा है।
 
मानना है की अगर कांग्रेस की और से प्रवीण राणा जो एक युवा और साफ़ सुथरी मिलनसार छवि के जनप्रिय नेता है को उम्मीदवार बनाती है तो सतप्रकाश राणा को तगड़ी प्रतिस्पर्धा मिलेगी । प्रवीण राणा वर्तमान निगम पार्षद है और साउथ दिल्ली नगर निगम के पूर्व मेयर रह चुके है। इनका राजनगर कॉलोनी में भी बेहतर प्रभाव है ये सतप्रकाश राणा के गांव से ही है। प्रवीण राणा अपने निगम क्षेत्र के बाहर भी लोगो के साथ मिलनसार संबंध बनाने में कामयाब रहे है। अपने राजनीति के कार्यकाल में इन्होने अपनी कार्यशैली से लोगो के बीच जल्द ही कामयाब और लोकप्रिय नेता का मुकाम हसिलकिया है जिसके ये हक़दार भी है। 
 
वही दूसरी तरफ पूर्व विधायक विजय लोचव कभी भी क्षेत्र में अपना राजनितिक प्रभाव नहीं छोड़ पाए और गांव में चर्चा भी है की वे इसबार उम्मीदवारी के दावेदारो में नहीं माने जा रहे है।  
    बीजेपी में भूपेंदर गुप्ता जो की राज नगर कॉलोनी के निवासी है। वर्तमान निगम पार्षद है और साउथ दिल्ली नगर निगम में कई कमेटियों में महत्वपूर्ण पदों रह चुके है। गुप्ता जी की राजनगर में कार्यकर्ताओं पर अच्छी पकड़ है पार्षद रहते हुए इन्होने लोगो के बीच निरंतर रहते हुए बीजेपी के मजबूत नेता की छवि बनाये रखने में सफल रहे है।  गुप्ता जी की चर्चा गांव में भी मजबूत दावेदारों में हो रही है। 
 
गुप्ता जी अगर उम्मीदवारी लेने में सफल रहते है और दूसरी तरफ प्रवीण राणा उम्मीदवार बनते है तो वर्तमान में प्रवीण राणा का ही पलड़ा भरी माना जा रहा है।  कारण भूपेंदर गुप्ता का क्षेत्र के गाँवो में ज्यादा परिचय नहीं है। 






अगले लेख में गांव व क्षेत्र की जरूरतों पर ध्यान करेंगे। 
   

Monday, September 9, 2019

Shuttle Cab Service Dwarka - Gurugram

Shuttle Cab Service Dwarka - Gurugram

Shuttle Cab Service
Dwarka - Gurugram
Gurugram - Dwarka
Now go to the office on time and reach home safe.
Late arrival of cabs in early morning shifts, No availability of shuttle buses, getting stuck in unsafe and cramped private vehicles, traffic stress while driving your own vehicle, the hurry to reach home early in the evening, has filled everyone's life with tension and undue stress.
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Dwarka
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Saturday, April 14, 2018

Uber Driving Experiences उबेर ड्राइवर अनुभव

Uber Driving Experiences
उबेर ड्राइवर अनुभव 

मुझे उबेर में गाड़ी चलाते हुए लगभग एक साल हो गया हैं. मैं अपनी पोस्ट के द्वारा अपना अनुभव आप लोगो तक पहुंचने का प्रयास कर रहा हूँ पाठक किर्प्या पोस्ट पढ़े और एक चालक को बेहतर सेवा देने में अपना सहयोग करे. 
१३ अप्रैल, २०१८ 
राजौरी गार्डन दिल्ली के पास का वाक्या 
मेरे पास एक पूल की बुकिंग आयी. बुकिंग में दो सवारी के लिए सीट बुक थी. मैं लोकेशन पर पहुंचा तो वह केवल एक लड़की मिली और गाड़ी में बैठते ही जल्दी जल्दी चलो कहने लगी. और बोली मेरा दूसरा फ्रेंड राजौरी गार्डन मेट्रो स्टेशन पर हैं उसको वह से लेना हैं। जो उस लोकेशन से २ किमी से ज्यादा दूर था और जाम के कारन 15 मिनट शो हो रहा था। 
इस बीच एक और पिकअप एड हो गया जा पंजाबी बाग़ से था और १० मिनट दूर था। 
मैंने उस लड़की को कहा की मेरा एक पाप और ह और आपका फ्रेंड जहाँ खड़ा हैं वह मेरे रूट पर नहीं ह मने दूसरा पाप लेना ह इस लिए म आपके फ्रेंड को लेने नहीं जा सकता पूल में इस तरह नहीं होता। 
तब वह लड़की गुस्से में बोली पैसे देते हैं लेना पड़ेगा मैं देखती हु कैसे नहीं चलते। 
मेरे दूसरे पिकअप से बार बार जल्दी आने के लिए फोन आ रहे थे।
मैंने uber में फोन करके सारी स्तिथि बताई तो उन्होंने कहा की आप ट्रिप अभी समाप्त कर दीजिये और उनको गाड़ी छोड़ने के लिए कह दे।  उनको पूल के नियम बताये। मने कहा की म नियम बता चूका हूँ लेकिन वो अनाप सनाप बोले जा रही हैं और अब धमकिया भी दे रही हैं।  उबेर ने कहा की हम कुछ नहीं कर सकते आप ट्रिप एन्ड कर दीजिये।
मैंने ट्रिप एन्ड कर दिया।  इस दौरान मेरा दूसरा पिकअप भी कैंसिल हो गया।
मने उस लड़की को कहाँ की आप गाड़ी से उतर जाये मने ट्रिप एन्ड कर दिया ह आप पर कोई चार्ज नहीं लगेगा न ही मैं आपसे पैसा मांग रहा हूँ।
तो वह लड़की गाड़ी से नहीं उत्तरी और गालिया देने लगी बोली तुम जैसे 50 - 50 रु में चक्कर काटते हैं म देखती हूँ कैसे गाड़ी चलाओगे म नहीं उतरूंगी।  उसने फोन करके अपने साथी को भी बुला लिया वह भी आकर गाड़ी में बैठ गया और गाड़ी तोड़ने की धमकी देने लगा।
मने दुबारा उबेर में कॉल की लेकिन वह से कोई हेल्प नहीं मिली कहा की आप अपने आप निपटिए।
मने 100 न. पर कॉल करके पुलिस को सब बताया।  इसके आधे घंटे बाद कांस्टेबल आया जिसको देखकर वे दोनों कॉलोनी में भाग गए।
कांस्टेबल ने कहा की अपने भागने नहीं देना चाहिए था।  मने कहा की क्या म उनसे लड़ाई करता फिर आप हम ड्राइवर के ऊपर ही इल्जाम लगते और हमें परेशां करते।
इस सरे वाकये में उबेर ने कोई हेल्प नहीं की. 

Wednesday, September 28, 2016

सच्ची प्रेम कहानी Indian True Love Story

श्वेता और कपिल 
सच्ची प्रेम कहानी 
जरूर पढ़े 
कुछ दिन पहले फार्म पर एक चिड़िया और चिड़ा आये। वे हर रोज दाना चुगने आते। चिड़ा चिड़िया को देखता रहता। चिड़ा मन ही मन चिड़िया को चाहने लगा। एक दिन चिड़े ने चिड़िया को अपने दिल की बात कह दी वो चिड़िया से बोला- की तुम हर रोज लाम्बा साहब के यहाँ दाना खाने आती हो और मैं तुम्हे देखता रहता हूँ तुम मुझे अच्छी लगने लगी हो। मेरी चाहत दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। लगता हैं मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ। चिड़िया शर्मा कर बोलीं बस आगे कुछ मत कहो मेरा भी यही हाल हैं मैंने जबसे तुम्हे देखा हैं मैं भी तुम्हे चाहने लगी हूँ। जब तुम छुप छुपकर मुझे देखते हो तो मन में मोहबत मचलने लगती हैं। 

उन दोनों ने अपने प्यार का आखिर इजहार कर ही दिया कुछ दिन वे दोनों मिलते और एक दूसरे से मोहब्बत करते रहे। मैं अक्सर उनको एक साथ देखता।
एक दिन चिड़े ने चिड़िया को प्यार से कहा - प्रिय हमें बहुत दिन हो गए एक दूसरे से मिलते हुए। तुम मेरी जीवन साथी बन जाओ। चिड़िया लजा गयी और सर झुककर धीरे से बोली तुम्हारी जीवनसाथी बनकर प्यार करते हुए जीवन बिताने के लिए ही तो मैं धरती पर आई हूँ लेकिन हम रहेंगे कहाँ अभी तो तुमने अपना घोसला भी नहीं बनाया हैं। आगे बरसात आने वाली हैं। तुम जल्दी से एक घोसले की जगह तलाश कर लो और बनाना शुरू कर दो। मैं भी तुम्हारी मदद करुँगी। चिड़े ने कहाँ ठीक हैं कल मिलकर घोसले के लिए जगह तय कर लेंगे।
अगले दिन जब वे मिले तो चिड़िया ने कहा हमारी मुलाकात लाम्बा साहब के आँगन में हुयी हैं यंही पर हमारा प्यार हुआ और यहाँ खाना-पानी सब कुछ हैं। क्यों न हम यही पर अपना घोसला बनाए। लाम्बा साहब के यहाँ हम पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। तो चिड़े ने तुरंत सहमति देते हुए घोसला बनाने की बात कही और कमरे के अंदर लोहे के गाटर के कोने में घोलसा बनाना शुरू कर दिया। लेकिन वो बार बार तिनका रखता और तिनका गिर जाता। इसी तरह उसको १०-१२ दिन लग गए तिनका टिक नहीं पा रहा था रखते ही फिसल जाता। चिड़े ने भी हार नहीं मानी और वो लगातार प्रयास करता रहा।

मैं कुछ दिन पहले फार्म पर गया तो उसको इसी तरह देखता रहता वो बार बार प्रयास करता रहता मैंने सोचा चिड़ा मेहनती हैं और ये अपना घोसला बना ही लेते हैं ये भी जरूर बना लगा। फिर ५-६ दिन बाद मैं दिल्ली लौट आया।
जब मैं २ जून को दुबारा फार्म पर गया तो मैंने देखा चिड़ा अभी तक घोसला नहीं बना पाया था वो अभी भी तिनके ज़माने की कोशिश कर रहा था। होसला तो बहुत था उसमे लेकिन वह उदास और मायूस लग रहा था। चिड़िया उससे कह रही थी की अगर एक दो दिन में घोसला नहीं बना तो उसके माता
पिता किसी और चिड़े के साथ उसको भेज देंगे। चिड़िया की आँखों में आंसू थे चिड़े का भी दिल घबरा रहा था। वो बार बार आसमान की ओर उम्मीद भरी नजरों से देखता ओर फिर तिनका उठाकर जमाने की कोशिश करता। मेरे मन में अचानक ये ख्याल आया की लगता हैं चिड़े की चीत्कार ईश्वर तक पहुँच गयी हैं और उसने इस चिड़े और चिड़िया की मोहब्बत को परवान चढ़ाने के लिए मुझे शायद जरिया बनाकर भेज हैं। मुझे याद आया की लगभग ४ साल पहले जब मैं Girls PG चलाता था तब एक लड़की श्वेता रहती थी एक बार उसको किसी ने फूलों का गुलदस्ता लड़की के फ्रेम में दिया था। वह फ्रेम मैंने ये कहकर रख दिया था की इसको किसी पेड़ पर बांध देंगे ताकि कोई चिड़िया इसमें घोसला बना ले। वह फ्रेम मैं एक दिन फार्म पर ले गया था। वह मेरे पास रखा हुआ था।
मैंने उस फ्रेम को ऊपर कमरे की छत के पास फिर कर दिया।

अगले ही सुबह सुबह मैंने देखा की चिड़ा और चिड़िया ने उसको तिनके से भर दिया और घोसला बना लिया।
मैंने देखा दोनों बहुत खुश थे और पूरा दिन उछालते कूदते रहते और प्यार से अपने घोसले में रहने लगे।
मैंने इस चिड़िया और चिड़े का नाम श्वेता और कपिल रखा हैं।